बस ! तभी से आस्तिक मुनि का नाम लेते ही सर्प तुरंत वहाँ से वापिस भाग खड़ा होता है !
आपको भी कभी सर्प दिख जाए , तो अवश्य यह आजमाकर देखिएगा ! आप आश्चर्य चकित हो उठेगें !
चाहे कैसा भी भयंकर विषधर क्यों न हो , आस्तिक मुनि की “सौगंध” देने से अथवा “मुनिराजं आस्तिकं नम:” मंत्र का उच्चारण करने से वापिस भाग खड़ा होगा !
घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर यदि लाल स्याही से “मुनिराज आस्तिक नम: “लिख देने से घर में सर्प (साँप) प्रवेश नहीं कर सकता है ! सोते समय यदि “मुनिराजं आस्तिकं नम : ” का एक बार उच्चारण कर लिया जाए , तो व्यक्ति सर्प भय से मुक्त रहता है ! !!